Business Success Story In Hindi – आप लोगों ने गली मोहल्ले में फल – फ्रूट्स तरबूज बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले लोगों को तो देखा ही होगा. एक ऐसा ही शख्स जिसने अपने पिता को गली-गली फिर कर तरबूज बेचने में मदद की थी। लेकिन बाद में अपने पिता के कठिन संघर्ष को देखते हुए बेचैन शख्स ने व्यवसाय करने की ठानी और अपने पिता के तरबूज के व्यापार को इतना अधिक बड़ा कर दिया कि आज लाखों रुपए कमा लेता है. साथ में अपने पापा को भी घर पर ही रहकर दुकान खुला दी, जिससे कि उन्हें गली मोहल्ले में भटकना न पड़े।
Business Success Story Of Chandan Kumar Chaurasiya
इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने वाले हैं जिसने अपने पिता की संघर्ष को अपनी सफलता की कुंजी बताते हुए एक ऐसे बिजनेस को खड़ा कर दिया . जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है हालांकि दूसरे लोग इस बिजनेस को बहुत ही छोटा समझते हैं लेकिन इस शख्स ने इस छोटे से बिजनेस को इस लेवल पर पहुंचा दिया कि आज यह व्यक्ति लाखों रुपए यूं ही कमा लेता है और पूरे फल मंडी का बादशाह बन चुका है।
हम बात कर रहे हैं रांची के रहने वाले चंदन कुमार चौरसिया की, जिसने अपने पिता को गली मोहल्ले में फिरते हुए तरबूज को बेचने के इस संघर्ष को देखते हुए बिजनेस करने की ठानी और उसने अपने पिताजी के ही बिजनेस को आगे बढ़ाने की कोशिश की इसके लिए उसने बैंक से लोन मिला है. जिसकी वजह से समय पर लोन चुकाने के बाद बैंक ने इसे और भी अधिक लोन दे दिया और आज ही यह चंदन कुमार चौरसिया कई लोगों को नौकरी दे रहा है।
बैंक से लोन लेकर शुरू किया व्यवसाय
35 बरसिया चंदन कुमार चौरसिया के द्वारा इंटरव्यू में बताया गया है कि जब उसने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कदम आगे बढ़ आया था तो उसे पैसे की तंगी के साथ-साथ कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया और यूट्यूब पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में जानकारी हटाने के बाद उसने इस योजना के तहत बैंक आफ इंडिया जाकर लोन के लिए अप्लाई किया |
शुरुआत में इस बैंक की तरफ से ₹50,000 का लोन दे दिया गया। इसने सफलतापूर्वक लोन को सही समय पर चुकाने के बाद जब अगली बार यह लोन लेने के लिए गया तो बैंक ने इसे अधिक राशि का लोन दिया। इसी प्रकार चंदन ने दो से तीन बार बैंक से लोन लिया और अपने बिजनेस को इतना बड़ा कर दिया कि इसके बारे में कोई दूसरा फल विक्रेता या सब्जी विक्रेता सोच भी नहीं सकता है।
लोन में मिले पैसे को व्यवसाय में लगा दिया
बैंक ऑफ़ इंडिया से शुरुआत में ₹50,000 लोन लेने के बाद इसमें पूरी राशि अपनी व्यवसाय में लगा दी, जिसके बाद जब इसे रिस्पांस आने लगा तो इसने सबसे पहले बैंक के कर्ज को चुकाना सही समझा और बाकी के बचे हुए पैसे को अपने व्यवसाय में लगा दिए . समय पर लोन चुकाने की बदौलत बैंक की तरफ से इसे और अधिक राशि दी गई। इसके बाद इसकी फंडिंग और फाइनेंशियल प्रोबलम को चीरते हुए अपने व्यवसाय को दिन दोगुनी चार चौगुनी वृद्धि की ओर ले गया।
पिता और छोटे भाई ने भी दिया साथ
चंदन कुमार चौरसिया के द्वारा बताया गया कि इसने अपने पिताजी की संघर्ष को देखते हुए ही इस व्यवसाय को और आगे बढ़ाने की सोची थी. अपने पिताजी को गली मोहल्ले फिर से देखा इसे रहा नहीं गया । जिसके बाद जिसने अपने पिताजी को घर पर ही एक तरबूज की दुकान खुलवाकर वहां पर बैठा दिया. अपने छोटे भाई की बेरोजगारी को देखते हुए भी उसे अपने साथ कर लिया.
पिताजी और छोटे भाई के साथ देने की वजह से आज यह चंदन लाखों रुपए कमाता है और दूसरे लोगों को रोजगार भी दे रहा है। बैंक अधिकारी भी चंदन की जमकर सहन कर रहे हैं और इसे दोबारा लोन लेने में भी किसी प्रकार की कोई परेशानियों को सामना नहीं करना पड़ा था। जिसकी वजह से इसके इरादे इतने बुलंद हो गए और आज यह स्थानीय बाजार से हटकर दूसरे राज्यों में अपने बिजनेस के लिए संपर्क बनाने के साथ-साथ बड़ी फल मंडी में अपनी धाक जमा कर बैठा हुआ है।
मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।