Eco Friendly Business Idea: आजकल के समय में मार्केट में इतने सारे बिजनेस आ चुके हैं कि समाज ही नहीं आता कि बिजनेस को शुरू करें और किसको नहीं? क्योंकि लगभग सभी बिजनेस में अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट आता है जिसकी वजह से कई सारे लोग उसमें इन्वेस्ट नहीं कर पाते हैं और अपने बिजनेस को शुरू भी नहीं कर पाते हैं। वैसे अगर आप किसी बिजनेस को शुरू करना चाहते हो तो उसकी फंडिंग के लिए आपको पैसे चाहिए |
तो ऐसी स्थिति में आप लोग गवर्नमेंट की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर अपने बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। आज के समय इस आर्टिकल में हम जिस व्यवसाय के बारे में आपको बता रहे हैं यह इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ आपके लिए कम इन्वेस्टमेंट वाला व्यवसाय साबित हो सकता है कि अगर आप शुरुआत में सेमेस्टर संसाधनों के साथ ही इसे शुरू कर सकते हैं। आईए जानते हैं क्या है बिजनेस आइडिया ?
Eco Friendly Business Idea
जब भी हम कहीं पर शादियों में जाते हैं या फिर की प्रोग्राम में जाते हैं तो वहां पर प्लास्टिक के द्वारा पत्थर में खाना परोसा जाता है. यह खाना प्लास्टिक में आने के बाद दूषित हो जाता है ऐसा हमारे शास्त्र कहते हैं और वास्तव में विज्ञान भी यह साबित कर चुका है कि प्लास्टिक में रखा हुआ खाना या फिर प्लास्टिक की बोतल में पिया गया पानी भी हमारी सेहत के लिए बहुत ही अधिक नुकसान करता है।
ऐसे में आपके लिए बिज़नेस अपॉर्चुनिटी है कि आप लोग पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल करके दोना पत्तल डिस्पोजल जैसे प्रोडक्ट बनाकर अपने व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। लेकिन यह बहुत ही चैलेंजिंग टास्क होने वाला है क्योंकि इसको शायद ही कोई दूसरा व्यक्ति कर रहा है। इसीलिए शुरुआत में आपको इस स्मॉल बिजनेस (Eco Friendly Business Idea) को शुरू करने से पहले रिसर्च करना होगा।
मुझे यह बिजनेस आईडिया कैसे आया ?
आप लोग सोच रहे होंगे कि मुझे इको फ्रेंडली द्वारा पत्तल बनाने का बिजनेस का यह आइडिया कैसे आया? तो मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मैं मध्य प्रदेश का गुना शहर का निवासी हूं। एक दिन जब मैं अपने गुना शहर के पास में स्थित गांव भौरा में स्थित राधा वल्लभ आचार्य जी की मंदिर में दर्शन करने के लिए जाता हूं तो वहां पर मुझे प्रसाद दिया जाता है। प्रसाद में खीर के साथ-साथ मावा की बर्फी भी शामिल होती है। मुझे आश्चर्य तो तब हुआ जब हमारे शास्त्रों शास्त्रों के रीति-रिवाज को उसे मंदिर में आज भी फॉलो किया जा रहा है।
हमें वहां पर राधा बल्लभचार्य जी के मंदिर का यह प्रसाद किसी दोना पत्तल या स्टील के पेट बर्तन में नहीं दिया गया बल्कि पेड़ के पत्तों को तोड़कर उसमें खीर और मावा की मिठाई दी गई। मुझे इस बात से काफी खुशी हुई कि हमारे शास्त्र के अनुसार कोई मंदिर अभी भी चल रहा है। यहां पर मंदिर में आचार्य जी की तीन बार पूजा की जाती है। उनको भूख भी लगाया जाता है। यहीं से मुझे इको फ्रेंडली दोना पत्तल बनाने का बिजनेस का आईडिया (Eco Friendly Business Idea) आया है जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
कैसे शुरू करें इको फ्रेंडली दोना पत्तल बनाने का बिजनेस ?
इस व्यवसाय को शुरू करना आपके लिए बहुत ही चैलेंजिंग टास्क होने वाला है. क्योंकि यह टास्क चुनौतियों से भरा इसलिए है, कोई और व्यक्ति इस प्रकार के काम को नहीं कर रहा है। जिसकी वजह से आपको टेक्नोलॉजी को डेवलप खुद ही करना पड़ेगा कि आखिर पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल करके दोनों पटल को कैसे डिजाइन किया जाए? हालांकि जब आप गांव में रिसर्च करने के लिए जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां पर पहले के समय पर शादियों के समय किसी भी प्रोग्राम पर पेड़ के पत्तों से बने हुए दोना पत्तल पर ही खाना सर्व किया जाता था।
आप उनकी इसी विधि को सीख कर अपने व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। अगर आपके पास थोड़ा बहुत भी दिमाग है तो आप लोग खुद से कोई टेक्नोलॉजी डेवलप कर सकते हैं जो और भी इको फ्रेंडली दोना पत्तल की डिजाइन कर सके और इसके बाद आप लोग अपनी इको फ्रेंडली बिजनेस को प्रमोशन के जरिए भारत के अलावा दूसरे देशों में भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं। इसके लिए आप लोग अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी वेबसाइट का भी सहारा ले सकते हैं। इंटरनेशनल मार्केट में आपका बिजनेस के डिमांड बहुत ही अधिक हो सकती है।