Rajeev Bhaskar Success Story: अमरूद बेचकर इस शख्स ने कैसे कमाए 1 करोड रुपए

Rajeev Bhaskar Success Story
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नई दिल्ली ।‌ नौकरी छोड़कर खुद का व्यापार करना एक बहुत बड़ा रिस्क का काम होता है लेकिन कुछ लोग होते हैं जो इस प्रकार के रिस्क से बिल्कुल भी नहीं डरते हैं. राजीव भास्कर (Rajeev Bhaskar Success Story) ऐसे ही लोगों में से एक है. इन्होंने नौकरी छोड़कर खुद का व्यापार करने का प्लान किया और आज के समय में एक करोड रुपए तक अधिक कमा चुके हैं इतना ही नहीं इन्होंने केवल अमरुद बेचकर एक करोड रुपए कमाए हैं. राजीव भास्कर की सफलता की कहानी आपके लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

कौन है राजीव भास्कर ‌?

राजीव भास्कर का नाम वैसे तो कोई नहीं जानता है क्योंकि यह एक स्टार्टअप नहीं करते हैं. बल्कि आज के समय में सफल किसान और उद्यमी है. किसान इसलिए क्योंकि इनका बिजनेस खेती से संबंधित है और उद्यमी इसलिए क्योंकि इन्होंने अपने इस खेती के बिजनेस को इतनी ऊंचाइयों पर ले आए हैं कि उन्होंने इस कारोबार को एक करोड रुपए तक पहुंचा दिया है।

कहते हैं कि अपना नजरिया बदलने से पूरी दुनिया बदल जाती है. इन्होंने अमरूद की खेती के कारोबार को एक ऐसी नजरिया से देखा कि आज के समय में इनकी सही में दुनिया बदल चुकी है। यह नैनीताल उत्तराखंड के निवासी हैं. जो रायपुर की VNR Seeds PVT LTD में नौकरी किया करते थे. इस दौरान इन्होंने अपनी बी की पढ़ाई को भी पूरा कर लिया था। लेकिन एक वक्त ऐसा है कि इन्होंने नौकरी छोड़कर खुद की अमरूद की खेती करने के बारे में फैसला किया।

Rajeev Bhaskar Success Story

राजीव भास्कर की सफलता की कहानी की बात करें तो इनकी कहानी की शुरुआत पढ़ाई से ही होती है. पढ़ाई करने के बाद इन्होंने VNR Seeds में नौकरी करने के लिए चले जाते हैं. यहां पर मार्केटिंग टीम के सदस्य के तौर पर इन्होंने काम किया. इस दौरान उन्होंने अपने कई सारे अनुभव प्राप्त किए अलग-अलग किसानों के पास जाकर उनसे जोड़ने का मौका मिला और कृषि जगत के प्रति अपनी दिलचस्पी को बढ़ाया ‌।

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इसके बाद उन्होंने अमरूद की एक अनोखी किस्म थाई अमरूद के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। इस किस्म की फसल से उन्होंने आज के समय में काफी अच्छा का कारोबार जमा लिया है यही उनकी सफलता का रास्ता बन चुका है। कंपनी में काम करने के साथ-साथ उन्होंने बा की डिग्री भी हासिल कर ली थी।

इसके बाद राजीव भास्कर ने साल 2017 में नौकरी छोड़ने के बाद अमरूद की खेती करना शुरू कर दिया। खेती करने के लिए उन्होंने हरियाणा के पंचकूला में करीब 5 एकड़ जमीन किराए पर लेकर अवशेष मुक्त कृषि तकनीक का इस्तेमाल करके बायोफर्टिलाइजर जैसी तकनीकों का इस्तेमाल भी किया है। उनकी फसल को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचे इसके लिए थ्री लेयर बैंगिंग एप्रोच का इस्तेमाल किया। ‌

पहले ही साल में की 20 लाख रुपए की कमाई

साल 2017 में नौकरी छोड़कर थाई अमरूद की खेती करने के बाद उन्होंने बातचीत में बताया कि पहले ही साल में 20 लख रुपए तक की कमाई कर ली थी. इतना ही नहीं उन्होंने इसके अलावा अवशेष मुक्त सब्जी उत्पादन पर भी काम करना शुरू कर दिया था । लेकिन उनकी अमरूद की खेती पर ज्यादा फोकस किया और उसी की वजह से उनकी कुछ प्रोफेशनल टेक्निक्स भी काम कर गई। ‌

क्योंकि वह उसे कंपनी में मार्केटिंग सदस्य के रूप में काम किया करते थे. इसके बाद उन्होंने अपने इस खेती के बिजनेस को जारी रखने का निर्णय लिया साल 2019 में उन्होंने पंजाब के रूपनगर में 55 एकड़ भूमि को पट्टी पर लेकर भी उसे पर खेती करने की शुरू कर दिया। इसके अलावा उपज को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करते रहते हैं और उनकी टीम के साथ उन्होंने अमरूद की इस खास किस्म को सप्लाई करने में भी किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ी है। ‌


मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।