प्रेमानंद महाराज ने बताया की गाड़ियों के पीछे भगवान का नाम रखना चाहिए या नहीं?

क्या गाड़ियों में भगवान का नाम लिखवाना चाहिए या नहीं?: प्रेमानंद महाराज
क्या गाड़ियों में भगवान का नाम लिखवाना चाहिए या नहीं?: प्रेमानंद महाराज
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दरअसल आप सबको पता है कि प्रेमानंद महाराज जी जो की वृंदावन की गलियों में इतनी ज्यादा प्रसिद्ध हो चुके हैं कि आजकल सभी लोग पूरे भारतवर्ष से ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी उनके प्रवचन सुनना पसंद करते हैं. क्योंकि उनके प्रवचन लोगों को बहुत ही अधिक पसंद आते हैं जो सही लॉजिक के साथ लोगों को प्रवचन के बारे में बताते हैं इसी वजह से लोग इनकी बात को मानते भी है और बड़े-बड़े सेलिब्रिटी जैसे की विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जी प्रेमानंद महाराज जी के श्रवण कार्यक्रम में शामिल हो चुकी है.

कुछ समय पहले प्रेमानंद महाराज जी ने ही अपने ही प्रवचन के दौरान बताया था कि आखिर हम सभी को जो सनातन में विश्वास रखते हैं, गाड़ियों के पीछे भगवान का नाम लिखना चाहिए या नहीं? उन्होंने इसको लेकर अपने तर्क दिए हैं इस तर्क के बारे में हम यहां पर आपको बताने वाले हैं. गाड़ियों में ही नहीं आप सपना देखा होगा कि कई सारे लोग अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग जगह पर भगवान का नाम अंकित करवाते हैं। ‌ आईए जानते हैं कि यह सही है या नहीं?

क्या गाड़ियों में भगवान का नाम लिखवाना चाहिए या नहीं?

प्रेमानंद महाराज जी के बारे में तो हम सभी लोग जानते हैं जो की एक बहुत बड़े कथावाचक तो बिल्कुल भी नहीं खा जा सकते ज्ञानवर्धक कहे जा सकते हैं। इनके पास ज्ञान का भंडार है और इनकी दोनों किडनी खराब है इसी वजह से अक्सर सभी श्रोतागण अपने प्रश्नों का भंडार लेकर उनके पास धार्मिक महत्व जानने के लिए आते हैं. एक बार प्रवचन के दौरान किसी व्यक्ति के द्वारा सवाल पूछा गया था कि क्या हमें अपनी गाड़ियों के पीछे भगवान का नाम अंकित करवाना चाहिए या नहीं?

तो इस पर प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं की गाड़ी पर भगवान का नाम अच्छी बात है. गाड़ियों का नाम लिखवाने के पीछे उनका श्रद्धा भाव हो सकता है। परंतु जब भी हम ऐसा कोई भी कार्य करने के लिए जाते हैं तो हमें कई सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे की अगर यह गाड़ियां हम धुलाई सेंटर में किसी भी व्यक्ति के द्वारा डलवाते हैं तो वह अपनी भगवान के नाम पर पड़ता है और वह अपनी बाद में हमारे पैरों के नीचे आ जाता है जो की धार्मिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं है बल्कि बहुत बड़ा अपराध है. अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा कार्य करता है तो वह एक धार्मिक अपराध की श्रेणी में आता है।

प्रेमानंद महाराज आगे और बताते हैं

इसी क्रम में अपने प्रवचन के दौरान प्रेमानंद महाराज जी बताते हैं कि कोई भी स्त्री अपनी मेहंदी में दोनों हाथों पर भगवान का नाम लिखवा देती है, काफी हद तक यह सही है लेकिन जब हम दैनिक शोच क्रिया करते हैं तो इस दौरान इस नाम पर गंदगी आ जाती है जो की सही नहीं है यह भी एक अपराध की श्रेणी में आता है ।‌

इतना ही नहीं अपने शरीर में भगवान के नाम का टैटू बनवाना या उनका नाम लिखवाना, भगवान के नाम के कोई भी वस्त्र खरीदना दुपट्टे पर भगवान का नाम या उनकी तस्वीर प्रिंट करवाना एक धार्मिक अपराध हो सकता है। ‌ क्योंकि यह बात हमें ही सोचनी होगी कि अगर हम ऐसा करते हैं तो बाद में इसका दुरुपयोग हो सकता है ।

अर्थात भगवान के नाम पर गंदगी आ सकती है और इसकी वजह से हम धार्मिक पाप की श्रेणी में चले जाते हैं इतना ही नहीं आप सबको पता ही होगा की मार्केट में एक लक्ष्मी बम से पटाखा प्रसिद्ध है. जिसको सभी हिंदू भाई बहन खरीदने हैं और मार्केट में उसे फोड़ भी देते हैं उस पर माता लक्ष्मी की तस्वीर बनी हुई होती है. फटाफट फूटने के बाद उसके कागज इधर-उधर खेल जाते हैं अतः हमारे पैरों के नीचे आ जाते हैं जो कि गलत है। ‌