महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व जानकार हो जाएंगे हैरान, जाने डीटेल्स

महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व
महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व
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महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व : अगर अपनी महाशिवरात्रि के वैज्ञानिक महत्व के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको बता दे की महाशिवरात्रि का त्योहार इस वर्ष वर्ष शुक्रवार 8 मार्च को मनाया जा रहा है. भोलेनाथ को समर्पित यह त्यौहार बड़े ही धूमधाम से भारत में मनाया जाता है । इस दिन धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यता अलग-अलग स्तर पर होती है। ‌ आपको बताने की भारतीय हिंदुओं के कई सारे पवित्र त्यौहार है जिसमें से एक महाशिवरात्रि है।‌ जो की माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के बुलंदशहर के रूप में मनाया जाता है।

कब है महाशिवरात्रि 2024 ?

इस साल 9 मार्च को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जा रहा है. इसकी मुहूर्त की शुरुआत 8 मार्च को रात के समय नमाज का 57 मिनट से हो जाएगी और यह अगले दिन 9 मार्च को शाम के समय 6:17 तक इसका मुहूर्त रहने वाला है इसलिए आप लोग इस बीच कभी भी महाशिवरात्रि का त्योहार बना सकते हैं. प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्क फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। ‌ इसको लेकर वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों महत्व ही महत्वपूर्ण है जो आप लोगों को जानना चाहिए। ‌

महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व

जैसा कि आप सब कोई पता है कि हम सभी महाशिवरात्रि का त्योहार प्रत्येक वर्ष मनाते हैं लेकिन इस त्यौहार को मनाने के पीछे हमारी सोच धार्मिक होती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है. यह ग्रहण नक्षत्र से संबंधित होता है. वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो नीचे पॉइंट में आप लोगों को महाशिवरात्रि के वैज्ञानिक महत्व बताए गए हैं-

  • ब्रह्मांड में ग्रह नक्षत्र ऐसी स्थिति में होते हैं जिसकी वजह से एक खास ऊर्जा का प्रभाव होता है.
  • महाशिवरात्रि के अवसर पर रात्रि के समय अगर हम जागरण करते हैं तो उससे ऊर्जा का संचार होता है। ‌
  • यह सकारात्मक ऊर्जा होती है जो एक मनुष्य के हृदय से Vibe बनकर प्रकृति के जारी भगवान तक पहुंचती है.
  • इस दिन आप जो भी अपने सच्चे दिल से भगवान से मांगते हैं उसके पूरी होने की संभावना इसलिए होती है क्योंकि आपकी बात प्रकृति ध्यान से इस इसलिए सुनती है क्योंकि इस दिन गृह उत्तरी गोलार्ध में इस तरह स्थित होता है कि वह मनुष्य के अंदर की ऊर्जा को ऊपर की ओर खींचना लगता है। ‌
  • यानी इसका सीधा सा यह मतलब है की प्रकृति आपकी इच्छा को पूरा करने में या महादेव तक आपकी इच्छा को पहुंचने में पूरी मदद करती है। ‌
  • इसी वजह से कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन अगर कोई भी स्त्री अपना मनचाहा पर भगवान शिव से मांगती है, तो वह अवश्य उसे दे देते हैं। ‌

महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व

पौराणिक महत्व की बात करें तो महाशिवरात्रि का यह त्योहार अलग-अलग मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है। अर्थात इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था. इस अवसर पर ही महादेव ने संसार की प्रत्येक अविवाहित स्त्री को वरदान दिया था. कि वह अपना मनचाहा पर ले सकती है।‌

महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व
महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व

इतना ही नहीं माता पार्वती के साथ विवाह होने के बाद शिव जी ने अपना वैराग्य छोड़ दिया था। ‌ इसके प्रतीक के रूप में भी इसे मनाया जाता है। ‌ शिव भक्तों के लिए यह बहुत बड़ा दिन होता है. इस दिन जहां पर शिवजी की प्रतिमाएं या शिवलिंग स्थित होता है या मंदिर होता है वहां पर बहुत भीड़ करने वाली है. जिसमें उज्जैन का महाकाल मंदिर भी शामिल है। ‌ महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन में बहुत ज्यादा भीड़ पढ़ने वाली है। ‌


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