महाशिवरात्रि की पूजा में किस मंत्र का जाप करना चाहिए? जाने क्या कह रहा है शिव पुराण

महाशिवरात्रि की पूजा विधि और मंत्र
महाशिवरात्रि की पूजा विधि और मंत्र
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नई दिल्ली । आप सभी लोग जानते हैं कि हिंदू धर्म में भगवान शिव को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है इनको बैरागी का प्रतीक माना जाता है अगर आप भी भगवान शिव को समर्पित दिन महाशिवरात्रि की पूजा करना चाहते हैं और इसमें इंटरनेट पर पूजा करने के लिए मंत्र ढूंढ रहे हैं कि आखिर महाशिवरात्रि पर किस मंत्र का जाप करना चाहिए तो आप एकदम सही खबर पढ़ रहे हैं। ‌ क्योंकि इसके अंतर्गत हम आपको महाशिवरात्रि 2024 से संबंधित संपूर्ण जानकारी तो देने वाले ही है इसके अलावा शिव पुराण में इसके लिए क्या कहा गया है उसके बारे में भी आपको बताने वाले हैं।

महाशिवरात्रि 2024

मनोकामनाओं की पूरी करने के लिए इस साल 2024 में महाशिवरात्रि का त्यौहार की शुरुआत 8 मार्च को हो रही है अर्थात 8 मार्च को शाम को 9:57 से शनिवार 9 मार्च को शाम के समय 6:17 पर समाप्ति हो जाएगी. इस बीच आप महाशिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं. हालांकि इस साल 2024 में महादेव और माता पार्वती के विवाह को समर्पित महाशिवरात्रि का त्योहार 8 मार्च को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और महाद्वीप की पूजा का विशेष महत्व है। ‌

महाशिवरात्रि की पूजा कब होती है?

कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यानी 8 मार्च को रात के समय महाशिवरात्रि को मनाया जाएगा. यह त्यौहार महाशिवरात्रि यानी की रात्रि के अवसर पर ही निशीथ काल में मनाया जाता है. जो की 8 मार्च की रात को पढ़ रहा है.. इस दौरान महाशिवरात्रि की पूजा विधि विधान के अनुसार की जा सकती है। ‌ भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी कई सारे हिंदू परिवार महाशिवरात्रि की पूजा करने वाले हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान में भी कई सारे हिंदू परिवार मौजूद है जो भी महाशिवरात्रि की पूजा करेंगे।

क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि का त्यौहार?

महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि ऐसा माना जाता है कि शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए और वर के रूप में पानी के लिए काफी दिनों से तपस्याकी थी. माता पार्वती को उनकी तपस्या का फल महाशिवरात्रि के दिन ही मिला था. और इसके बाद भगवान शिव के द्वारा वैराग्य छोड़ दिया गया था। जिसके पास सिर्फ सभी हिंदू सनातनी लोग महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूमधाम से प्रत्येक वर्ष मनाते हैं।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि और मंत्र

अब इतना तो आप लोग समझ चुके हैं कि 8 मार्च को रात के समय महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाने वाला लेकिन इस दौरान आप लोग पूजा किस प्रकार करेंगे तो हम आपको बता दें कि सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान करने के बाद एक संकल्प लेकर माता से और पार्वती के मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें. इस दौरान आप भगवान शिव को समर्पित किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं. आमतौर पर शिव तांडव स्त्रोतम भी पढ़ा जा सकता है। ‌

महाशिवरात्रि की पूजा में शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान करने के बाद भगवान शिव को और माता पार्वती को पसंदीदा चीज जैसे कि धतूरा बेल के फूल, चावल इत्यादि शिवलिंग पर पूजा के दौरान चढ़ा सकते हैं और शुद्ध घी का दीपक जलाकर कपूर जला सकते हैं। इतना ही नहीं भगवान शिव की पूजा करते वक्त भगवान शिव जी को समर्पित सार्वभौमिक मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप किया जा सकता है। अगर आप इस मंत्र को सिद्ध कर देते हैं तो आपको भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

इच्छापूर्ति के लिए है विशेष दिन

जो भी स्त्री महिला या कोई भी कन्या अपना मनचाहा बार पाना चाहती है और उसे इसमें कई साइड रूकावटों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसी स्थिति में उसे महिला को भगवान शिव के चरणों में अपनी इच्छा जाहिर करना चाहिए. इतना ही नहीं महाशिवरात्रि के त्योहार पर उन्होंने सभी कन्याओं को वरदान दिया था कि जो भी कन्या अपना मन छह बार पानी के लिए महाशिवरात्रि का उपवास ग्रहण करती है और सच्चे मन से कामना करती है. तो उसे उसका मनचाहा पर अवश्य मिल जाएगा।

महाशिवरात्रि पर नकारात्मक ऊर्जा से कैसे बचे?

अक्सर आप लोगों ने कई बार महसूस किया होगा जब भी हम किसी धार्मिक कार्य शुभ कार्य करने के लिए जाते हैं तो हमारे सामने या आसपास हमारे मन में कई बार ऐसे ख्याल आ जाते हैं जिसमें नकारात्मकता होती है. यह आना स्वाभाविक है क्योंकि प्रकृति हमारी परीक्षा लेना चाहती है कि हम अपने प्रभु की कितनी श्रद्धा से पूजा करते हैं? तो अगर आप भी परेशानी का सामना करते हैं ।‌

तो ऐसी स्थिति में आप लोगों को पूरे दिन नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए भगवान शिव के मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। हालांकि इस मंत्र का जब आप मन ही मन कर सकते हैं किसी को सुनने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा अपने माथे पर चंदन का तिलक लगाकर भी घूम सकते हैं क्योंकि इससे भी नकारात्मक ऊर्जा आपसे लाखों कोसों दूर रहेगी। अधिक जानकारी के लिए आप किसी नजदीकी पंडित जी से सलाह ले सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां पर मुहैया कराई गई जानकारी लोक मान्यताओं और पंडित जी के आधार पर दिखाइए किसी भी कार्य पर अमल करने से पहले अपने नेताजी की किसी पंडित जी से सलाह अवश्य ले.


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