
अगर आप अपने जीवन में खुशहाली होना चाहते हैं या खुशहाल जीवन की कामना करते हैं. तो सभी शादीशुदा लोगों के लिए महादेव ने पार्वती जी को कुछ ऐसे उपदेश दिए थे जिसकी वजह से उनका शादीशुदा जीवन खुशहाल हो जाता है अगर आप लोग भी सांसद जीवन से कुछ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको महादेव पर इन पांच बातों को याद रखना चाहिए. और उन्हें अपने जीवन में उतरकर ऐसे चमत्कारिक परिणाम दिए जा सकते हैं इससे आपकी जिंदगी बदल जाएगी।
महादेव ने पार्वती जी को बताए खुशहाल जीवन के चमत्कारिक राज
जैसा कि आप सबको पता है कि महाशिवरात्रि का त्योहार हर किसी दंपति के जी पर बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इस साल 2024 में 8 मार्च को मनाया जा चुका है. इस दिन आप कुछ उपाय कर सकते हैं. जो आपका दंपति की जीवन को खुशहाल बना सकती है. इसके अलावा भगवान शिव जी माता पार्वती से कहते हैं कि अगर आपको अपने जीवन बदलने है।
तो यह समझना होगा कि शिवजी ना तो प्रकाश है और ना ही अंधकार वह शून्य भी है और पदार्थ भी है वह समस्त ब्रह्मांड की शक्ति है. और उनका ही प्रतीक आदि शक्ति है। जिसे हम पार्वती माता जी के नाम से जानते हैं। शिव पुराण में बताया जाता है कि जब शिवजी और शक्ति का मिलन हो जाता है तो इसे ही परमात्मा कहा जाता है।
ऐसे हुआ माता पार्वती का विवाह
आप सबको बता देना चाहते हैं कि शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती और शिवजी की विवाह को लेकर एक कथा प्रचलित है. ऐसा माना जाता है की माता पार्वती राजा हिमावत और रानी मैना की पुत्री कहीं जाती है. जो कि हिमालय के राजा रानी है. ऐसा माना जाता है की माता पार्वती जी सती का ही रूप है. इसके फल स्वरुप एक बार नारद मुनि के द्वारा भविष्यवाणी की जाती है कि वह बड़ी होकर भगवान भोलेनाथ से विवाह करेंगी.
क्योंकि आपको टीवी सीरियल में भी दिखाया जाता है. इसके लिए माता पार्वती हिमालय के बीच गुफाओं में जाकर तपस्या भी करती है और न जाने कितने कष्ट चलती हैं? अगर कोई आम स्त्री इतना सब कुछ करती है तो यह उसके लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल टास्क हो जाता है शायद वह जिंदा भी ना बचे लेकिन माता सती (पार्वती) शक्ति का प्रतीक है. इसलिए उनको हर प्रकार की समस्या से निकल जाने में आसानी होती है. अंत में वह माता पार्वती शिव जी से विवाह कर ही लेती है.
मानव का सबसे बड़ा गुण और पाप
एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव जी से पूछा था कि किसी भी मानव का सबसे बड़ा गुण और सबसे बड़ा पाप क्या होता है तो ऐसी स्थिति में संस्कृत में उस समय एक श्लोक के माध्यम से माता पार्वती जी को इसका जवाब देते हैं. शिवजी कहते हैं कि किसी मानव का सबसे बड़ा गुनी है कि वह दूसरे अपने से बड़े छोटे लोगों को सम्मान करें और सत्य वचन बोले.
जबकि सबसे बड़ा मानव का पाप यह है कि वह दूसरे लोगों के साथ बेईमानी और धोखा करता है. अगर किसी सच्चे व्यक्ति के साथ चले या धोखा किया जाता है तो वह उसको नष्ट कर देता है. इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा ईमानदार रहना चाहिए और दूसरे लोगों की भलाई करनी चाहिए. इसे भगवान भोलेनाथ आपसे प्रसन्न होते हैं. आप अपनी कृपा बरसाते हैं.
सफलता के लिए जीवन मंत्र
किसी भी दंपति अगर अपने चाहिए दैनिक जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उसके लिए महादेव बताते हैं कि किसी व्यक्ति को अपने कर्म करने के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उसके कर्म सही होने चाहिए. किसी के साथ समय-समय पर उसे किसी भी कार्य करने के दौरान अपना खुद का मूल्यांकन करने से खुद के बारे में जानने में ज्यादा सफलता प्राप्त होती है. किसी मनुष्य को किसी दूसरी व्यक्ति या जीव के प्रति खुद का व्यवहार और नैतिक कृत्य पर नजर रखना चाहिए।
मनुष्य के विनाश के कारण
कहते हैं कि जब मनुष्य का विनाश कल आता है तो उसकी बुद्धि विपरीत दिशा में चलती है. इसके लिए एक श्लोक है ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ ! अतः जब मनुष्य विनाश की ओर अग्रसर होता है तब उसका कारण उसके पाप ही होते हैं. भगवान शिव जी कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्मों और विचारों के बने हुए होते हैं। इसलिए किसी भी दूसरे व्यक्ति के प्रति उसके कर्म और विचार हमेशा पानी की तरह साफ होने चाहिए.
किसी भी पराई स्त्री को कामवासना की कुदृष्टि से नहीं देखना चाहिए. मनुष्य अपने जीवन में जो बोता है, वही काटता है. प्राणी को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए। अगर आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो मोह माया की दृष्टि से हमेशा दूर रहे. आपकी सफलता के रास्ते में यही दो कारक है जो बाधा उत्पन्न करते हैं. मनुष्य को अपनी किसी भी तरीके से इंद्रियों पर काबू करके जीवन में आगे बढ़ना चाहिए. फिर उसे सफलता प्राप्त करने से कोई भी नहीं रोक सकता है.

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