Govardhan Puja 2022 : दोस्तों क्या आप इंटरनेट पर अभी भी यही सर्च कर रहे हैं कि गोवर्धन पूजा कब है ? सफर गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है ? तो जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल गोवर्धन पूजा सूर्य ग्रहण के चलते अगले दिन मनाई जानी है | लेकिन अगर आप गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? यह जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें |
गोवर्धन पूजा : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हर साल गोवर्धन पूजा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से दिवाली के बाद भारतीय के द्वारा मनाया जाता है | आधा भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाओं के दौरान जिस गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाया था, उसी गोवर्धन पर्वत की पूजा आज के त्यौहार के दिन की जाती है|
गोवर्धन पूजा कब है ? 2022
दोस्त अगर आप भी जानना चाहते हैं कि गोवर्धन पूजा कब है तो हम आपको बता दे कि गोवर्धन पूजा इस साल सूर्य ग्रहण की वजह से दिवाली के 1 दिन बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है | लेकिन हम सभी लोग जानते हैं कि इस साल 25 अक्टूबर 2022 को गोवर्धन पूजा के दिन सूर्य ग्रहण लग चुका है |
इसी सूर्य ग्रहण और सूतक की वजह से इस साल 2022 में गोवर्धन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नहीं बल्कि उसके अगले दिन 26 अक्टूबर 2022 को मनाई जानी है | भारतीय फेमस कैलेंडर के अनुसार भी 26 अक्टूबर 2022 को गोवर्धन पूजा कई लोगों के द्वारा सेलिब्रेट की जाएगी | इस दिन गोवर के गोवर्धन पर्वत को बनाया जाता है | फिर उसकी पूजा की जाती है |
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है ?
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है ? हम आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो हम आपको बता दें की गोवर्धन पूजा, ब्रज में उपस्थित गोवर्धन पर्वत के महत्व को देखते हुए उसे सम्मान देने के लिए हर साल गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है | जिससे हम सभी गोवर्धन पर्वत जो हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, उसी के एवज में इसकी हम एक देवता के रूप में पूजा करते हैं |
गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है ?
दोस्तों अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि की गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है ? तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि गोवर्धन पूजा करने की पूजा विधि हर क्षेत्रिय स्तर पर लोकल एरिया में अलग अलग तरीके से की जाती है | इसके लिए सबसे पहले गोवर्धन देवता को गाय के गोबर से बनाया जाता है |
उनके पास में ही कुछ लोग चरवाहे भी बनाए जाते हैं | जिसमें दिखाया जाता है कि वह चार बाय अपनी गायों को चराने के लिए गोवर्धन पर्वत पर ले जाते हैं| इसके बाद गोवर्धन की पूजा क्षेत्रीय पंडितों के हिसाब से अलग-अलग तरीके से की जाती है | परंतु कुछ चीज यहां पर कॉमन होती हैं, सब लोग घर में बनाए जाने वाले पकवान मिष्ठान इत्यादि को गोवर्धन पूजा में उनको चढ़ाते हैं |