नई दिल्ली। आज हम एक एक ऐसे शख्सियत की सफलता की कहानी (Success Story) बताने वाले हैं, जिसे अपना व्यापार शुरू करने के लिए एक लाख रुपए की हाई प्रॉफिट वाली बैंकर की नौकरी को छोड़कर खुद का धंधा करना सही समझा. हर किसी के लिए इतना बड़ा रिस्क लेना बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि एक व्यवस्थित जीवन के साथ खिलवाड़ करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है ।
अर्थात बैंकिंग सेक्टर की अच्छी पैकेज वाली नौकरी को छोड़कर खुद के धंधा करना एक बहुत बड़ी बात है। जब आप इस प्रकार का कोई लाइफ चेंजिंग फैसला लेने के लिए जाते हैं तो आपके अपने रिश्तेदार दोस्त सभी लोग आपको बहुत समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जो इन सब की बातों पर ध्यान न देते हुए जो उसने मन में ठान रखा है उसे करने पर मजबूर हो जाता है वैसा ही इंसान लाइफ में कुछ अलग करके दिखाता है।
कौन है कृष्णन महादेवन ?
कृष्णन महादेवन कोई बड़े बिजनेसमैन तो नहीं है. एक छोटी सी दुकान के इतने बड़े मालिक हैं कि लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़कर उन्होंने इडली का धंधा करना शुरू किया. आज इनकी दुकान में इडली खाने के लिए इतने लोगों की भीड़ आती है कि इन्हें फुर्सत ही नहीं मिलती है और अपने एरिया में काफी मशहूर इनकी दुकान हो चुकी है। दुकान का नाम ‘अय्यर इडली’ है। जो की बेंगलुरु के विज्ञान नगर में स्थित है।
इनकी नौकरी गोल्डमैन सैक्स में हाई पैकेज वाली थी। इसे छोड़कर इन्होंने इडली बचने के इस व्यापार को शुरू करके आज के समय में लाखों रुपए तक कमाई कर लेते हैं। इस एरिया में काफी मशहूर इनकी दुकान अभी तक हो चुकी है। हालांकि इडली बेचने का धंधा कृष्णन महादेवन का पुश्तैनी धंधा है। जब इन्होंने इस कारोबार को संभालने का निर्णय लिया तो इनका जादू ऐसा चला आज वह अपने एरिया के सबसे चर्चित और फेमस इडली वाले बन चुके हैं।
Success Story Of Krishnan Mahadevan
साल 2001 की बात है जब कृष्णन महादेवन के पिताजी के द्वारा अय्यर इडली दुकान को शुरू किया गया था. यहां पर लोगों के लिए गरमा गरम साउथ इंडियन खाना इडली लोगों को खिलाया जाता था. अब साल 2020 में जब हाई पैकेज वाली नौकरी छोड़कर Krishnan Mahadevan ने अपनी पुस्तक धंधे को करने का निर्णय लिया, तो आसपास के लोगों ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने नहीं मानी और बिल्कुल भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज के समय में वह एक सफल दुकानदार और उद्यमी के रूप में नजर आने लगे हैं।
पिताजी ने शुरू की इडली की दुकान
साल 2001 में कृष्णन महादेवन के पिताजी के द्वारा अय्यर इडली की दुकान को शुरू किया गया था उसे समय इडली लोगों में काफी ज्यादा फेमस थी. अर्थात प्रेमी जोड़े इसको खाना बहुत ही ज्यादा पसंद करते थे। शुरुआत में करीब 19 साल तक नारियल की चटनी के साथ इडली लोगों को खिलाई गई। हालांकि इससे पहले व्यक्ति वाली इडली और डोसा का बैटर बेचा करते थे।
लेकिन अभी के समय लोगों को गरमा गरम मुलायम और फूली हुई इडली बनाकर खिलाते हैं। इसी वजह इनकी दुकान आसपास के क्षेत्र में मशहूर है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक 50000 से ज्यादा हर महीने में इडली यह बेच देते हैं। इससे तो अंदाज लगाया जा सकता है कि उनकी दुकान की इडली बहुत ही ज्यादा फेमस है। धीरे धीरे जब उनकी ग्रोथ बढ़ने लगी तो इन्होंने इंटीरियर और एक्सटीरियर डिजाइनिंग पर भी काफी खर्च किया। इनकी इडली का स्वाद ही लोकप्रियता हासिल की।
मेरा नाम विशाल ओझा है. मैने Mathematics से B.sc किया हुआ है। मुझे विज्ञान की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा में बिजनेस, मौसम या टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखता हूं। इंशॉर्टखबर पर इसी फील्ड में योगदान दे रहा हूं।