नई दिल्ली ! Business Ideas: महंगाई के जमाने में नौकरी के ऊपर निर्भर रहना सबसे बड़ी गलती हो सकती है क्योंकि आने वाले समय में कई प्रकार की नौकरियों के ऊपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से खतरा बना हुआ है. अगर अभी एक बिजनेस आइडिया (Business Ideas) की तलाश कर रहे हैं. जिससे कि आपको हर बार नौकरी पर निर्भर न रहना पड़े तो आपके लिए बेबी कॉर्न की बिजनेस के बारे में यहां पर हम बताने वाले हैं जिसे शुरू करने पर बहुत जल्दी काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
Business Ideas फौरेन बनेगी करोड़पति
आज के समय में करोड़पति तो हर कोई बनना चाहता है लेकिन उसके लिए जो मेहनत करनी पड़ती है वह सभी को नहीं करना है तो ऐसे में हम आपको जिस बिजनेस के बारे में बताने वाले हैं उसमें आपको मेहनत जमकर करनी पड़ेगी क्योंकि यह एक खेती से संबंधित बिजनेस है. अगर आप मेहनत नहीं कर सकते हैं तो इससे दूर रहें.
पिछले दशकों में देखा गया है कि बेबी कॉर्न की डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है लोग इसे कई प्रकार की धारा बनाने की डिश में तो उपयोग करते ही इसके अलावा मार्केट में नए-नए तरह की डिश आ रही है इनमें भरपूर मात्रा में छोटे या बड़े रेस्टोरेंट में इनका उपयोग किया जा रहा है इस वजह से डिमांड को देखते हुए आपको अभी के समय खेती में बेबी कॉर्न की खेती करनी चाहिए।
क्या है बेबी कॉर्न और कैसे करें खेती ?
इंटरनेट पर आप लोगों को बेबी कॉर्न से संबंधित सभी प्रकार की डिटेल्स मिल जाती है. लेकिन आपको अनुभव केवल इसे ट्राई करने पर ही मिलता है इसीलिए बेबी कॉर्न की खेती करने से संबंधित डिटेल तो आप लोग इंटरनेट से सीख सकते हैं. लेकिन अनुभव प्राप्त करने के लिए आपको खुद ही इस बिजनेस को करना होगा और इसके लिए किसी अच्छे किसान से खेती करना भी सीख सकते हैं। दरअसल मक्के की खेती को ही बेबी कॉर्न कहा जाता है।
इसका उपयोग कई सारी बड़ी-बड़ी होटल में पिज़्ज़ा में, लगभग सभी तरह के फास्ट फूड में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा फुली बनाने बेबी इसका उपयोग किया था जो की काफी टेस्टी होती है अलग-अलग फ्लेवर के साथ पॉपकॉर्न के प्रोडक्ट को भी मार्केट में एक कुरकुरे के समान मार्केटिंग करके बेचा जा रहा है। इसे सिनेमाघर में बहुत ही ज्यादा खाया जाता है। बच्चों को अलग-अलग फ्लेवर वाला यह टेस्ट काफी पसंद भी आता है।
2 महीने में होगी फसल तैयार
दरअसल कुछ रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि बेबी कॉर्न की फसल को तैयार होने में करीब 2 से 3 महीने लग जाते हैं. उत्तरी भारत के क्षेत्र में इसकी खेती बहुत ज्यादा की जाती हालांकि गेहूं चावल के बाद तीसरे नंबर पर मक्के की खेती को प्राथमिकता दी जाती है. इस खेती में मुनाफा तो अच्छा खासा होता है यह और पौष्टिक आहार भी लोगों को काफी अच्छे मिल जाते हैं ।
इस वजह से लोगों से ज्यादा खाना भी पसंद करते हैं. मुनाफा की बात करें तो इसमें मुनाफा कैलकुलेट करना थोड़ा मुश्किल साबित होता है क्योंकि अलग-अलग जमीन पर और अलग-अलग किस्म की फसलों पर मुनाफा अलग-अलग मिलता है। लेकिन एक बात तो कंफर्म है कि इस खेती को स करने में सरकार आपकी मदद जरूर करने वाली है।