Balamani Amma : आखिर कौन थी Balamani Amma, जिन्हें Google ने अपने Doodle Feature पर दिखाया | जो कि बिना स्कूली शिक्षा के एक कवयित्री बनी | बालमणि अम्मा के बारे में अधिक जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को आप को पूरा पढ़ना होगा |
Balamani Amma : बालमणि अम्मा जिन्हें भारतीय कवित्री के रूप में जाना जाता है | उनको आज गूगल ने अपने डूडल फीचर पर दिखाया है | आपको बता दें कि बालमणि अम्मा एक ऐसी कवियत्री है जो भी कभी अपने छात्र जीवन में स्कूल भी नहीं गई | गूगल ने अपने डूडल फीचर मैंने देखा कर इनको अपनी 113 वी जयंती पर याद किया है |
दरअसल Balamani Amma केरल की एक ऐसी भारतीय कवियत्री थी जो बिना स्कूल के कविताएं लिखती थी | यह कभी भी स्कूल नहीं गई | आज 19 जुलाई 2022 यानी कि मंगलवार के दिन 113वी जयंती पर गूगल ने अपनी डूडल फीचर में इनकी एक तस्वीर लगाई है, जिसमें गूगल ने Balamani Amma को एक घर के अंदर कविता लिखते हुए दर्शाया गया है | उनके द्वारा लिखी गई कविताओं के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कार भी दिए गए हैं |
कौन थी Balamani Amma ?
बालमणि अम्मा का जन्म केरल के त्रिशूल शहर में सन 1909 में एक मलयाली परिवार में हुआ था | इसी कारण Balamani Amma को मलयालम साहित्य की दादी के नाम से भी जाना जाता है | उनका आज का यह डूडल केरल के एक प्रसिद्ध कलाकार के द्वारा बनाया गया है | ऐसा माना जाता है कि Balamani Amma की शिक्षा अपने चाचा नलप्पट नारायण मेनन के यहां उनके घर पर ही हुई थी |
अतः Balamani Amma कभी भी अपने छात्र जीवन में स्कूल नहीं गई थी | जब वह 19 साल की थी तब उनका विवाह मातृभूमि पत्रिका के प्रबंध निर्देशक और संपादक बी. एम. नायर से कर दिया गया था | Balamani Amma की पहली कविता कोप्पुकाई है, जिसे साल 1930 में प्रकाशित कर दिया गया था | कोचीन साम्राज्य के एक शासक थंपूरन ने अम्मा को ‘साहित्य निपुण पुरस्कार’ से सम्मानित किया | इसके अलावा इनको पद्म विभूषण नाम का एक सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी दिया जा चुका है |
हम आपको बता देना चाहते हैं कि Balamani Amma एक मलयालम कवियत्री थी जिन्होंने अपनी संपूर्ण कविताएं मलयालम भाषा में ही लिखी है | इसी के साथ उन्हें दक्षिण भारत में बहुत ज्यादा ख्याति हुई | उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियां जैसे कि अम्मा, मुथस्सी, और मजूबिनते कथा आदि हैं |
https://www.inshortkhabar.com/feeds/posts/default?alt=rss