
Albert Einstein Birthday 2023: आज पूरे विश्व में अल्बर्ट आइंस्टाइन के जन्मदिन को लोग जीनियस दिवस के रूप में मनाते हैं | अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म 14 मार्च सन 1879 में जर्मनी में हुआ था | जर्मनी में यह एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे | आज 14 मार्च को इनका जन्म दिवस (Albert Einstein Birthday 2023) पूरे विश्व में मनाया जाता है |
इसके अलावा आपको पता नहीं कि आज ही के दिन ही पाई दिवस (Pi Day) भी मनाया जाता है | क्या आप भौतिक वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन जन्म दिवस (Albert Einstein Birthday 2023) के अवसर पर उनकी एक फेमस थ्योरी E=MC² क्यों प्रसिद्ध है ? क्या इसके बारे में आप लोग जानते हैं ? अगर आपका जवाब नहीं है, तब इस पोस्ट को आप पूरा पढ़िए | आपका यह डाउट भी क्लियर हो जाएगा |
Albert Einstein Birthday 2023
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि आज 14 मार्च को अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म (Albert Einstein Birthday 2023) हुआ था | 14 मार्च को ही जीनियस दिवस के रूप में मनाया जाता है | इसका कारण भी अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म दिवस ही है |
अल्बर्ट आइंस्टाइन की बात करें तो वह एक जर्मनी के सैद्धांतिक भौतिक वैज्ञानिक थे | जोकि फिजिक्स की विभिन्न शाखाओं के लिए अपने योगदान देकर गए हैं | उनके द्वारा दिए गए कई सारे थ्योरी की वजह से ही आज फिजिक्स इतना परिपूर्ण हो पाया है |
विज्ञान के कई सारी सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा दिए गए थे वहीं पर ही काम करते हैं | उनमें से एक फेमस थ्योरी E=MC² है| जिसे द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण भी कहा जाता है | आइए जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा दिया गया यह द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण क्यों इतना फेमस हुआ ?
E=MC² क्यों प्रसिद्ध है ?
साल 1905 में 27 दिसंबर को अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया गया | इस पेपर में उन्होंने द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण अर्थात E=MC² के बारे में विस्तार से जानकारी दी | दरअसल यह फिजिक्स का फार्मूला आज के समय की विज्ञान की नींव है | इसलिए अल्बर्ट आइंस्टाइन कि इस थ्योरी को एक विशेष पहचान मिली है |

E=MC² क्यों प्रसिद्ध है ?, इसको जानने से पहले इस समीकरण में आपको हम बता देना चाहते हैं कि E का मतलब एनर्जी अर्थात ऊर्जा है, M का मतलब मास अर्थात द्रव्यमान, और C का मतलब निर्वात में प्रकाश का वेग | इस समीकरण के अनुसार – द्रव्यमान और ऊर्जा सापेक्ष है |
इसका सीधा सीधा सा मतलब यह है कि किसी पदार्थ के द्रव्यमान को ऊर्जा में और ऊर्जा को द्रव्यमान में बदला जा सकता है | इसी आधार पर विश्व में परमाणु बम की खोज की | कुछ रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा भी माना जाता है कि अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा इस थ्योरी को डिवेलप करने के बाद वह काफी ज्यादा दुखी हुए थे |
क्योंकि लोगों ने उनकी इस थ्योरी का इस्तेमाल करके परमाणु बम को बनाकर गलत इस्तेमाल किया था | जिसके बाद अल्बर्ट आइंस्टाइन काफी ज्यादा मायूस हो चुके थे | जब अल्बर्ट आइंस्टाइन ने इस थ्योरी को पब्लिश किया था तब इसको सिद्ध कर पाना अल्बर्ट आइंस्टाइन के लिए संभव नहीं था | लेकिन 21वीं सदी में कई सारे वैज्ञानिक रिसर्च होने के बाद अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण को सिद्ध किया जा चुका है |