कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए? जाने सही समय

कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए?
कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए?
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नई दिल्ली ।‌ असम की गुवाहाटी शहर में स्थित कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए? इसके बारे में अधिकतर लोग कुछ ना कुछ सर्च करते ही रहते हैं. इसलिए इस खबर के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं कि कामाख्या देवी के मंदिर जाने के लिए सही समय क्या है और कामाख्या देवी का मंदिर का रहस्य क्या है? हालांकि इससे पहले भी हमने आपको कई बार इस मंदिर के संबंध में जानकारी प्रदान की है जहां पर हमने आपको इसके रहस्य के अलावा कुछ ऐसी बातें बताई है जो आपको शायद ही पता हो।

कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए?

कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए ? इसके बारे में जानकारी अगर आप जानना चाहते हैं तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि इस मंदिर पर अगर आप दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो इसके लिए सही समय अक्टूबर से लेकर मार्च महीने का सही समय बताया जाता है क्योंकि इस महीने में वहां का मौसम अनुकूल होता है वैसे तो आप किसी भी वक्त का कामाख्या देवी के मंदिर दर्शन करने के लिए जा सकते हैं । लेकिन अक्टूबर और मार्च महीने का मौसम गुवाहाटी में अनुकूल रहता है ।

इसकी वजह से अधिकतर लोग आपको यही सलाह देंगे कि आप लोग इसी मौसम में माता जी के दर्शन करने के लिए जाएं। वैसे तो आप हर मौसम में माताजी के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं लेकिन आपको बता देना चाहते हैं कि 3 दिन अंबुबाची मेले के दौरान इस मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं इसके अलावा गुवाहाटी के समस्त मंदिर इस मेले के दौरान बंद रखे जाते हैं। ‌ इसका कारण यह है कि इस समय माताजी मासिक धर्म से गुजर रही होती है।‌ इसके फल स्वरुप मंदिर के पट बंद रखे जाते हैं। ‌

कामाख्या मंदिर का रहस्य

असम की गुवाहाटी शहर के नीलांचल पर्वत पर स्थित इस मंदिर की कई सारे रहस्य मौजूद है जहां पर बताया जाता है कि यह मंदिर पौराणिक काल से यहां पर मौजूद है. यहां पर कामाख्या देवी मंदिर की खास बात यह है कि माता जी की योनि भाग की पूजा की जाती है इसके अलावा भी तांत्रिक विधाओं के लिए यह मंदिर पौराणिक काल में बहुत ज्यादा फेमस था ।‌ आज के समय में तंत्र विद्या को लेकर यहां पर बहुत ज्यादा मानता नहीं रही।

  • पौराणिक समय में कामाख्या देवी का मंदिर तांत्रिक विधाओं का केंद्र हुआ करता था.
  • यहां पर माता जी की योनि भाग की पूजा की जाती है.
  • सती माता के 52 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी का मंदिर गिना जाता है.
  • भगवान विष्णु के द्वारा सती माता के पार्थिव शरीर के सुदर्शन चक्र के टुकड़े करने पर, शरीर का एक टुकड़ा यहां पर गिरा था।
  • यह भाग शरीर का योनि वाला भाग था.
  • 22 से 26 जून तक कामाख्या देवी के मंदिर के पट बंद रहते हैं.
  • इस समय अंतराल के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी का पानी भी तीन दिनों के लिए लाल रंग का हो जाता है.
  • जिन्हें संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है वह लोग माताजी के दर्शन कर सकते हैं.
  • कुंवारी लड़की और लड़कियों को माता जी के दर्शन करने के लिए नहीं जाना चाहिए.
  • देश के पौराणिक मंदिरों में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर हिंदू और इस्लामी वास्तु कला का मेल जोल मिलता है। ‌
  • पूरे गुवाहाटी और ब्रह्मपुत्र नदी का नजारा यहां से देखा जा सकता है। ‌

डिस्क्लेमर: यहां पर मुहैया कराई गई जानकारी केवल इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की गई है और कुछ लोग मान्यताओं के अनुसार जानकारी शामिल की गई है. आपने अपनी मर्जी से यहां पर कुछ भी एडिट नहीं किया है। इसीलिए इस जानकारी की पुष्टि हम या हमारी टीम (INshortkhabar) बिल्कुल भी नहीं करते हैं। ‌ किसी भी बात पर अमल करने से पहले इसकी पुष्टि अवश्य कर ले। ‌