
नई दिल्ली । हिंदुओं के चार धाम किस राज्य में है? अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि हिंदू के चार धाम उत्तराखंड, गुजरात, उड़ीसा और तमिलनाडु में स्थित है। इसके अलावा उत्तराखंड में ही केवल चार धाम मौजूद है. जिनके नाम यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ है. इन चारों धामों की बहुत ही अधिक विशेषता है। हिंदुओं की दृष्टि से देखा जाए तो केदारनाथ में भगवान भोलेनाथ विराजमान है। यमुनोत्री में यमुना माता तथा गंगोत्री जहां से गंगा माता का संगम स्थल होता है इसलिए इसे गंगोत्री कहा जाता है।
पूरे भारत में जहां से भी गंगा नदी होकर जाती है, इसका चल बहुत ही अधिक पवित्र माना जाता है। और बद्रीनाथ में भगवान बद्रीनाथ स्थित है। प्रत्येक धाम की अपनी ही एक अलग विशेषता होती है। आज तक कोई ऐसा वैज्ञानिक पैदा नहीं हुआ है, जो गंगा नदी के जल के बारे में अच्छे से रिसर्च करके पता लगा पाया हूं कि जाकर गंगा नदी में ऐसा क्या होता है जिसकी वजह से इसका पानी कभी खराब नहीं होता है ।हालांकि ऐसा बताया जाता है कि गंगा नदी के जाल में एक ऐसा वायरस होता है जो पानी को कभी सड़ने नहीं देता है।
हिंदुओं के चार धाम किस राज्य में है?
हिंदुओं के चार धाम अलग-अलग राज्य में मौजूद है जैसा कि हमने आपको पहले ही बता दिया है. बद्रीनाथ धाम जो की में मौजूद है, द्वारका धाम गुजरात में स्थित है, जगन्नाथ पुरी धाम उड़ीसा में स्थित है और रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है. हर धाम की एक अलग विशेषता है जहां – जहां पर भी ईश्वर के यह धाम मौजूद हैं। वहां उस स्थान पर संबंधित भगवान ने अपने कदम जरूर रखें हैं इसलिए इनकी महत्वता बहुत ज्यादा मानी जाती है।
1. बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड
उत्तराखंड के राज्य में मौजूद बद्रीनाथ स्थित है. यह भारत का एक पवित्र धाम है. जो की अन्य चार यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ से मिलकर बना हुआ है. यहां पर अलकनंदा नदी भी निकलती है. चारों धाम की यात्रा उत्तरकाशी के यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पर खत्म हो जाती है. अनुमानित तौर पर इस यात्रा की कुल दूरी 1,607 किलोमीटर की है.
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले के अंतर्गत आने वाले अलकनंदा नदी के किनारे पर बसा हुआ है। जो कि इसकी सुंदरता का एक प्रमुख कारण है। कोई भी श्रद्धालु यहां पर जाता है तो अपनी मानसिक शांति के लिए जाता है क्योंकि जब वह सांसारिक मोह माया और दुख से परेशान होकर भगवान की शरण में आता है तो उसे परम सुख की प्राप्ति होती है। क्योंकि यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है।
2. तमिलनाडु में स्थित रामेश्वरम धाम
भगवान राम के द्वारा तमिलनाडु के समुद्र तट पर जब श्री राम ने भगवान शिव की शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा अर्चना की थी, जब वह माता सीता जी को खोजने के लिए श्री लंका जा रहे थे. उसे समय इन्होंने यहां पर भगवान शिव कोई शिवलिंग के रूप में स्थापित किया था. तभी से यह स्थान बहुत ही ज्यादा पवित्र हो गया है क्योंकि भगवान राम की भी चरण यहां पर पड़े हुए हैं. इसी वजह से यह भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है।
यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत आता है। इसे स्थानीय लोग रामनाथ स्वामी के मंदिर के रूप में भी जानते हैं। यहां पर मौजूद शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है। इस दीप का नाम भी रामेश्वरम दीपक दिया गया है क्योंकि यह बंगाल की खाड़ी से गिरा हुआ दीप है जो की त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। जानकारी के अनुसार त्रिवेणी संगम पर तीन नदियां मिलती है जिनके नाम चंबल बनास और सीप है।
3. गुजरात में मौजूद द्वारका धाम
अक्सर हमने कृष्ण लीला में द्वारका नगरी के बारे में सुना होता है लेकिन क्या आपको पता है ? कि गुजरात में स्थित द्वारका नगरी का अस्तित्व सच में है. अपने टीवी सीरियल में आने वाली द्वारका नगरी के बारे में तो जरूर देखा ही होगा लेकिन द्वारकाधीश का मंदिर जो गुजरात शहर में स्थित है यह पवित्र तीर्थ में से एक माना जाता है. गुजरात सरकार बहुत जल्दी इसी साल 2024 में भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन करने के लिए एक पनडुब्बी शुरू करने जा रहे हैं।
जिसकी मदद से प्रत्येक शरणार्थी भक्तगण पनडुब्बी में सवार होकर भगवान कृष्ण की समुद्र में डूबी हुई द्वारका नगरी के दर्शन कर सकता है। इसके लिए गुजरात सरकार के द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है। द्वारका भारत के प्राचीन शहरों में से एक माना जाता है। बता दे की द्वारका को माया नगरी के नाम से भी भारत में जाना जाता है। जिसे भगवान श्री कृष्ण के द्वारा बताया गया था यह दिन के समय समुद्र के ऊपरी हिस्से पर आ जाती थी और रात होने के बाद यह वहां से गायब हो जाती थी। अर्थात समुद्र में समा जाती थी। ऐसी माया केवल भगवान कृष्ण ही कर सकते हैं।
4. उड़ीसा में स्थित जगन्नाथ पुरी धाम
उड़ीसा राज्य के पुरी नगर में ही स्थित जगन्नाथ पुरी धाम है. जो कि भगवान श्री कृष्ण को समर्पित माना जाता है. अगर जगन्नाथ शब्द को तोड़ा जाए तो यह जगत + नाथ निकलता है. जिसका अर्थ होता है जगत के नाथ अर्थात इस पूरी जगत विश्व के जो नाथ है इसे ही जगन्नाथ मंदिर कहा जाता है। जो कि भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने के बाद आपके सारे पाप धुल जाते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

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