दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि Magh Gupta Navratri 2022 , 2 फरवरी से शुरू हो चुकी है | अगर आप सभी लोग माता आदि शक्ति को खुश करना चाहते हैं तो उनकी पूजा विधि विधान के साथ करिए और आज 5 फरवरी को इस गुप्त नवरात्रि का 4 दिन है इस दिन Saraswati Puja 2022 की पूजा की जाती है |
माघ मास की गुप्त नवरात्रि 2022 : 2 फरवरी से शुरू हो चुकी है जो 10 फरवरी तक चलेगी। इस नवरात्रि में द्वितीया तिथि के क्षय होने के बावजूद भी नवरात्रि के दिन कम नहीं होंगे। क्योंकि अष्टमी तिथि बढ़ेगी।
ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि के दौरान मकर राशि में सूर्य, बुध और शनि की युति त्रि ग्रह की युति होगी। ऐसे में नक्षत्रों की स्थिति में शक्ति की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होंगे। गुप्त नवरात्रि 2022 में देवी मंदिरों में होगी विशेष पूजा मां दुर्गा के भक्त व्रत व सप्तशती, चालीसा का पाठ कर विभिन्न प्रकार की साधनाएं करेंगे. यह नवरात्रि शक्ति की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है।
पुरी के ज्योतिषी डॉ. गणेश मिश्रा के अनुसार इस नवरात्रि में 4 व 5 फरवरी को रवि योग रहेगा. फिर 6 तारीख को रवि योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। 7 तारीख को फिर से रवि योग, 9 को सर्वार्थसिद्धि और 10 फरवरी को फिर से रवि योग होगा। ऐसे में नवरात्रि में खरीदारी और नए कार्य शुरू करने के लिए कुल सात दिन शुभ रहेंगे। इन शुभ योगों में आभूषण, वस्त्र, वाहन, भूमि और भवन आदि का क्रय-विक्रय लाभकारी रहेगा।
तिथियां बढ़ने के बावजूद माघ मास का शुक्ल पक्ष पूरे 15 दिनों का होगा। ज्योतिषियों का कहना है कि शुक्ल पक्ष और गुप्त नवरात्रि में दिन कम न हो तो शुभ रहेगा। इन दिनों में पूजा, दान और खरीद-फरोख्त विशेष फलदायी और समृद्ध होगा। इस नवरात्रि में अष्टमी की वृद्धि शुभ रहेगी। इस तिथि के स्वामी शिव हैं। इसलिए इस तिथि को शक्ति पूजा का विशेष फल मिलता है। ज्योतिष में इस तिथि को जया तिथि कहा जाता है। यानी अष्टमी के दिन किए गए कार्यों में सफलता और जीत की संभावना और बढ़ जाती है। इस तिथि को शुक्ल योग बनने से शुभ प्रभाव में और वृद्धि होगी।
गुप्त नवरात्रि के दौरान 5 फरवरी को सिद्धि और रवियोग में वसंत पंचमी मनाई जाएगी. पंचमी तिथि इस दिन सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सुबह 5.45 बजे तक चलेगी। इस दिन मां सरस्वती के प्रकट होने का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर पीले रंग के वस्त्र धारण कर देवी सरस्वती की पूजा पीले फूलों से की जाएगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
सुबह 07 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 31 मिनट तक है।
अभिजीत मुहूर्त में 11.24 से 12.36 बजे तक
गुप्त नवरात्रि नौ दिनों की होगी। एक भी तारीख खो नहीं रही है। ज्योतिषी पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र बताते हैं कि मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। वहीं, मां हाथी पर बैठ कर चली जाएंगी। घोड़े पर माता के आने से क्षेत्र टूट जाता है और हाथी पर गति अधिक वर्षा का सूचक है।