Anne Frank on Google Doodle : ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के डायरी प्रकाशन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर गूगल ने ऐन फ्रैंक (Anne Frank) का डूडल बनाकर अपने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन पर मनाया है | ऐनी फ्रैंक पूरे विश्व में अपनी डायरी प्रकाशन के लिए मशहूर है | उन्होंने यहूदियों की स्थिति को अपनी डायरी में अंकन कर प्रकाशित किया था |
हेलो दोस्तों ! स्वागत है आपका INshortkhabar.com की एक और नई पोस्ट में | आज पोस्ट पर हम आपको ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के द्वारा प्रकाशित की गई डायरी की 75 वीं वर्षगांठ पर गूगल ने अपने डूडल टीचर पर इनकी तस्वीर को दिखा कर उनको श्रद्धांजलि दी है | इस अवसर पर हम आपकोऐन फ्रैंक (Anne Frank) के बारे में बताने वाले हैं |
Anne Frank कौन थी ?
एन फ्रैंक हालैंड की रहने वाली एक 13 वर्षीय बालिका थी जो कि यहूदियों के परिवार से संबंधित थी | एन फ्रैंक ने 2 वर्ष के गुप्त आवास दौरान एक डायरी को लिखा था | इस डायरी में इन्होंने अपने और बाकी यहूदियों के परिवारों के बारे में वर्णन किया है | उन्होंने इस डायरी में अपनी दयनीय स्थिति को भी अंकन कला के माध्यम से लोगों को बताया है |
यह बात दूसरे विश्व युद्ध के समय की है जब हिटलर ने करीब 60 लाख यहूदियों पर जुल्म ढाए थे | यही नहीं हिटलर ने तो यहूदियों को भूमिगत जीवन जीने के लिए भी मजबूर कर दिया था | अपनी इस डायरी में एन फ्रैंक ने यहूदियों पर ढाए गए सभी धर्मों के बारे में सजीव एवं मार्मिक चित्रण किया है |
ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के द्वारा लिखी गई डायरी में करीब 60 लाख यहूदियों की जीवन स्थिति का वर्णन मार्मिक ढंग से किया गया है | हिटलर के डर के कारण दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों पर अत्यधिक जुल्म ढाए गए थे | इसी कारण यह डायरी जोकि एन फ्रेंड के द्वारा लिखी गई है अत्यधिक प्रसिद्ध हो चुकी थी |
एंड फ्रेंड का जन्म साल 1929 में 12 जून को यहूदियों के परिवार में हुआ था | ऐन फ्रैंक (Anne Frank) ने अपने और संपूर्ण यहूदियों के ऊपर डाले गए जुल्मों को एक डायरी का रूप दे दिया आगे चलकर यह डायरी ऐतिहासिक किताब बन कर इसे पढ़ा जाने लगा | इस डायरी में एन फ्रैंक ने होलोकास्ट के दौरान घटित हुई सच्ची घटनाओं का वर्णन किया है |
जब एन फ्रैंक के जन्म के समय जर्मनी में यहूदियों जोगी अल्पसंख्यक जातियों में आते थे उनके खिलाफ काफी ज्यादा भेदभाव बढ़ गया था | इसी भेदभाव को देखते हुए ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के जन्म के कुछ समय पश्चात ही उनके माता-पिता को जर्मनी छोड़कर नीदरलैंड आना पड़ा |
यह बात दूसरे विश्व युद्ध के समय की है जब एन फ्रैंक करीब 10 साल की थी, तब जर्मनी ने नीदरलैंड देश पर आक्रमण कर दिया था | दूसरे विश्व युद्ध के दौरान होने वाली परेशानियों का सामनाऐन फ्रैंक (Anne Frank) और उसके परिवार को भी करना पड़ा था |
इस युद्ध के दौरान नाजियों ने यहूदियों को अपना निशाना बनाते हुए उन्हें अपनी कैद में रखा | ना केवल उन्हें कैद में रखा इसके अलावा उन पर कई सारे जुल्म भी नाजियों के द्वारा 2:30 गए थे | उन्हें बड़ी क्रूरता से मारा गया था जो कि एक अमानवीय कार्य है | इसी के चलते कई सारे यहूदियों ने मजबूरी में अपना घर छोड़कर छुप -छुप कर रहना पड़ा |
घर छोड़कर जाने वाले इन लाखों यहूदियों में ऐन फ्रैंक (Anne Frank) और उसका परिवार भी शामिल था | उस समय ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के पास केवल एक हार्डबैक नोटबुक और एक उपहार जो कि उसे अपने तेरे जन्मदिन पर दिया गया था, यह सब था |
फिर ऐन फ्रैंक (Anne Frank) ने अपने और यहूदियों के परिवार पर डाले गए इन जुल्मों और अपने 25 महीनों के अनुभव को इस डायरी में अंकन कला के माध्यम से वर्णन कर दिया | उनको अपने आप पर यह विश्वास था कि उनके द्वारा लिखी गई यह डायरी 1 दिन युद्ध समाप्त होने के पश्चात जरूर पब्लिश की जाएगी | और उनका यह विश्वास सही साबित होता हुआ नजर आया | उन्होंने अपनी डायरी को ‘ द सीक्रेट एनेक्स ‘ अर्थात “हेट अचरहुइस” में समेकित किया है |
Anne Frank के बारे में अन्य जानकारी
जब ऐन फ्रैंक (Anne Frank) इधर उधर दुखते हुए भाग रहे थे | यह बात 4 अगस्त 1944 की है जब एन फ्रैंक और उसके परिवार को भी नाजी सरकार ने पकड़ लिया था | इस दौरान उन पर काफी सारे अत्याचार गए थे | इन्हीं अत्याचारों के चलते करीब 15 साल की उम्र में एन फ्रैंक की मृत्यु हो जाती है | उनकी मृत्यु के बाद उनके द्वारा लिखी गई डायरी विश्व प्रसिद्ध बन जाती है |
ऐनी फ्रैंक के द्वारा लिखी गई डायरी को अभी तक करीब 80 भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा चुका है | ना केवल इसे ट्रांसलेट किया गया है बल्कि लोगों के द्वारा इसे पढ़ा भी जाता है | इसके अलावा इस किताब को स्कूलों में भी बच्चों को पढ़ाया जाने लगा है |
आज आपने क्या न्यूज़ पढ़ी ?
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने आपको ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के द्वारा लिखी गई एक डायरी के बारे में जानकारी प्रदान की है | इसके अलावा हमने आपको बताया है कि गूगल ने अपने सर्च इंजन के डूडल पेचर पर एंड फ्रैंक की एनिमेटेड तस्वीर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है |
हमें उम्मीद है कि दोस्तों आपको ऐन फ्रैंक (Anne Frank) के बारे में आज की हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी | अगर आपको आज की हमारी है पोस्ट सच में पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें जिससे उनको भी इसके बारे में जानकारी मिल सके |